हम सभी जानते हैं कि आज के समय में इलेक्ट्रिक कारों को जाना जाता है क्योंकि यह कार कम खर्चे में ज्यादा सफर करा सकती हैं. लेकिन हम सभी का यह मानना है कि इलेक्ट्रिक कार आधुनिक जमाने की देन है या इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण सिर्फ 3 साल या 4 साल पहले ही हुआ है. तो यहां हम सब की भूल है क्योंकि इलेक्ट्रिक कार को बनाने की कोशिश लगभग 200 साल पहले ही की जा चुकी थी.
जी हां दोस्तों हम सभी जानते हैं की जब से पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों को चलाया जा रहा है, तभी से इलेक्ट्रिक कारों का भी निर्माण होना शुरू हुआ है. या यूं कहें कि इसका भी इतिहास उतना ही पुराना है जितना पेट्रोल डीजल वाली गाड़ियों का है. इलेक्ट्रिक कार इतना विकसित नहीं हो पाई क्योंकि इनको चार्ज करने के लिए तब लाइट या उर्जा की कोई व्यवस्था नहीं थी. अब हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक कार के बारे में..
200 साल पहले बनाई गई इलेक्ट्रिक कार
अगर बात की जाए चार पहिया वाले वाहनों की तो यह वाहन 19वी सदी के प्रारंभ में ही दुनियाभर के कई देशों में बनाई जाने लगी थी. लेकिन उस समय चार पहिया वाहन को देखकर लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ था उसमें सिर्फ डीजल से ही चलाई जाने वाली गाड़ियां बनाई जाती थी.
क्योंकि उस समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन स्कॉटलैंड के एक वैज्ञानिक ने कुछ ऐसा बनाया कि जिसे देखकर किसी को विश्वास नहीं हुआ. दरअसल हम जिस मैकेनिक की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं इसका नाम स्कॉटिश मैकेनिक राबर्ट एंडरसन है.
अगर बात की जाए कि इन्होंने इलेक्ट्रिक कार कैसे बनाएं तो हम बता दें कि इन्होंने एक पुरानी डीजल कार को इलेक्ट्रिक मॉडल में बदला था. उस कार में उन्होंने सिंगल चार्ज होने वाली बैटरी का उपयोग किया था, जो कार की रफ्तार 4 किलोमीटर प्रति घंटा थी और इसे एक बार फुल चार्ज करने में यह सिर्फ 3 किलोमीटर तक ही रेंज दे सकती थी.