लोग अक्सर अपनी बाइक को देखने में अद्वितीय बनाने के इरादे से मॉडिफिकेशन करवाते हैं, लेकिन इससे उन्हें भारी जुर्माना भुगतना पड़ता है और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मॉडिफिकेशन का चलन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।
लोग अपनी बाइक को अद्वितीय और आकर्षक दिखाने के इरादे में बाइक में विभिन्न बदलाव करते हैं, जैसे कि साइलेंसर, हेडलाइट और बॉडी में परिवर्तन। क्या आप जानते हैं कि बाइक में मॉडिफिकेशन करने के लिए कुछ नियम हैं? अगर आप भी अपनी बाइक को मॉडिफाई करवाने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें।
आप अपनी बाइक में सामान्य परिवर्तन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको स्थानीय परिवहन कार्यालय से अनुमति प्राप्त करनी होगी। बाइक मॉडिफिकेशन के दौरान, आप वोही पार्ट्स उपयोग कर सकते हैं जो ऑटोमोटिव रिसर्च अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा मंजूर और प्रमाणित हैं। मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के अनुसार, भारत में वाहन मॉडिफिकेशन प्रतिबंधित और गैरकानूनी है, क्योंकि परिवर्तन से वाहन की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है और दूसरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
25,000 का कट सकता है चालान
नियमों के अनुसार, आप अपने वाहन में किसी भी प्रकार का मॉडिफिकेशन करते समय चाहे वो साधारण हो या अधिक हो, तो आपको 25,000 रुपये का चालान कट सकता है और 6 महीने की जेल हो सकती है। इसका प्रावधान वाहन के मॉडिफिकेशन के प्रकार पर निर्भर करता है। अगर आप वाहन के आकार, संरचना, चेसिस, और इंजन में परिवर्तन करते हैं या फिर एक्स्ट्रा व्हील्स जोड़ते हैं, तो आपके वाहन का पंजीकरण भी रद्द हो सकता है।
किस प्रकार के मॉडिफिकेशन कर सकते हैं
आप अपनी बाइक में साधारण परिवर्तन कर सकते हैं, जैसे कि इंजन बेली, टेल टाइडी, विविवड़ा, और वाइज़र के बदलाव। इससे वाहन की निर्दिष्ट विशेषताओं में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता है। अगर आपके वाहन का इंजन खराब है या फिर वो सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, तो आप इस स्थिति में इंजन की परिवर्तन कर सकते हैं।
इसके लिए आपको RTO से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। इंजन की परिवर्तन के बाद, आपको पुनः पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा। नियमों के अनुसार, पुराने और नए इंजन दोनों एक ही प्रकार के ईंधन पर ही चलने चाहिए। इसके अलावा, वाहन के रंग को बदलने के लिए भी आपको RTO से अनुमति प्राप्त करनी होगी।