OLA के खिलाफ़ उद्योग मंत्रालय में शिकायत हो गई है। कंपनी ग्राहकों से ही कर रही थी गलत तरीके से पैसों की वसूली लेकिन अब मंत्रालय के ऐक्शन के डर से बड़ा फैसला लिया है और वो फैसला ये है की कंपनी ग्राहकों से लिया गया है। एक्स्ट्रा पैसा आप ग्राहकों को वापस लौटाने के लिए तैयार है। अब अगर आप सोच में पड़ गए है की किस चीज़ का पैसा कंपनी ने ग्राहकों से एक्स्ट्रा लिया.
दरअसल ओला के द्वारा कस्टमर से ई स्कूटर चार्जर के नाम पर रुपये वसूले जा रहे थे, वो भी काफी लंबे समय से। लेकिन कंपनी ऐसा नहीं कर सकती थी। नियमों के अनुसार अब उद्योग मंत्रालय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि फाइनैंशल ईयर 2019 – 2020 से लेकर इस साल की 30 मार्च तक ओला s1 प्रो मॉडल खरीदने वालों से कंपनी चार्जर के नाम पर एक्स्ट्रा पैसा ले रही थी.
लेकिन सवाल ये है की ओला ने ये खेल किया कैसे?
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार ओला कंपनी फेम के तहत मिल रही सब्सिडी का फायदा उठाती आ रही थी, लेकिन कंपनी मिल रही सब्सिडी के नियमों का पालन नहीं कर रही थी क्योंकि इन नियमों के अनुसार चार्जर का पैसा ग्राहकों से नहीं वसूला जा सकता। लेकिन ओला चार्जर के नाम पर इस स्कूटर की ज्यादा कीमत ग्राहकों से वसूल रही थी।
इस संबंध में मंत्रालय को कुछ शिकायतें मिली जिसके बाद जांच की गई और जांच में शिकायत सही पायी गयी।
इसके बाद मंत्रालय ने ओला के खिलाफ़ कार्रवाई की। मंत्रालय की सख्ती को देखते हुए ओला ने तेज़ी से फैसला लिया। कंपनी ने मंत्रालय के किसी भी तरह के ऐक्शन से पहले ही सूचना देते हुए ऐलान कर दिया की ओला कंपनी अपने कस्टमर्स को ₹9000 से लेकर ₹19,000 तक वापस लौटाने जा रही है। कंपनी चार्जर के नाम पर ग्राहकों से लिए गए ₹130,00,00,000 का भुगतान करने जा रही है।
हालांकि यहाँ अभी भी एक पेश है कंपनी पैसा तो लौटाने जा रही है लेकिन कंपनी ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि भुगतान कब और कितने समय के अंदर किया जाएगा। हालांकि इस तरह की गड़बड़ी के बाद भी कंपनी की सेल आंकड़ों पर अगर आप नजर डालें तो वो लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा जारी हुए बिक्री आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रिक वीइकल स्कूटर बाजार में ओला की हिस्सेदारी बढ़कर 40% हो गई है।