इस समय हर एक वाहन निर्माता कंपनी अपनी गाड़ियों में एयरबैग सेफ्टी फीचर इन्ब्यूल्ड देते है। आज के समय में एयरबैग के बिना गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। कई लोगों को इस बात का पता नहीं होता कि एयरबैग कैसे काम करता है और दुर्घटना के दौरान यह फीचर जीवन रक्षक के रूप में कैसे काम आता है। आज इस खबर में हम उन्हें इन तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
दुर्घटना के समय Airbag कैसे काम करता हैं
जब किसी कार में एयरबैग लगाया जाता है तो साथ ही उसके सेंसर भी लगाए जाते हैं। अगर कार दुर्घटना के दौरान टक्कर खाती है तो सेंसर एक्टिव हो जाते हैं और एयरबैग को खोलने के लिए संकेत देते हैं। यह काम कुछ माइक्रो सेकंड में हो जाता है।
जैसे ही सेंसर से एयरबैग को खोलने का संकेत मिलता है, स्टीयरिंग के नीचे इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाते हैं जो सोडियम अजाइड से नाइट्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। यह नाइट्रोजन एयरबैग में भरा जाता है और फिर बैग फूलकर बाहर आ जाते हैं। ये फूले हुए बैग कार के अंदर बैठे यात्री को टक्कर से बचाते हैं और उनकी सुरक्षा करते हैं।
गाड़ी चलाने वाले इस काम को अवश्य अपनायें
जैसे ही आप हर कुछ महीनों के बाद अपनी कार की सर्विसिंग करवाते हैं, उसी तरह आपकी कार में लगे हुए एयरबैग को भी सर्विसिंग की जरूरत पड़ती है। अगर कार के एयरबैग का रख-रखाव ठीक तरह से नहीं किया जाता है, तो कुछ सालों में यह खराब हो सकता है।
जरूरत पड़ने पर एयरबैग ठीक तरह से काम नहीं करता हो या खुलता नहीं होता हो, यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए, इस एयरबैग की जाँच आपको कुछ महीनों में जरूरी करानी चाहिए, नहीं तो, भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। और इस अनहोनी में आपकी जान भी जा सकती है।